अतीत को लेकर शोक मत करो, भविष्य से भयभीत मत होओ, केवल वर्तमान को संभालो। यही नव वर्ष 2021 की शुभकामना है, जो कि सफलता की अनंत संभावनाओं से परिपूर्ण है। अर्थात आया नव वर्ष लाया अनंत विकल्प। चुनों कोई एक और लो महासंकल्प! वास्तव में जिसे अपने जीवन मार्ग में सफलता प्राप्त करनी है वह कोई एक विकल्प चुने और उसे साकार करने का कठोर संकल्प ले। यानी एक महासंकल्प जिसे साकार करना ही जीवन का मूल उद्देश्य हो। अतीत अर्थात बीते समय में क्या हुआ? अच्छा हुआ या बुरा हआ? इस पर विचार मत करो और न ही घटित कृत्य अथवा किसी अपने के बिछडऩे का शोक करो। बीती बातों को लेकर घुलते मत रहो और न अपने भविष्य को लेकर डरो। कभी मत सोचो कि आने वाले भविष्य में ऐसा हो जाएगा...वैसा हो जाएगा...बल्कि ये सोचो कि ईश्वर जो चाहेगा होगा।...वही होगा जो मंजूर-ए- खुदा होगा...। इसलिए केवल अपना वर्तमान संभालो। क्योंकि हमारा जीवन ही वर्तमान में है। यही यथार्थ है कि अतीत का बीता एक पल भी वापस नहीं हो सकता और भविष्य में क्या होगा निसाचर कोई बता नहीं सकता।
वर्तमान संभालने से तात्पर्य है कुछ ऐसा करो और जल्दी करो जो परिवार, समाज और राष्ट्र के हित में हो। इस नव वर्ष पर आज स्वयं से लड़ो, स्वयं को फटकारो और उद्देश्यपूर्ण संकल्प लो और ठानो कि किसी भी कीमत पर कुछ करके दिखाना है। विश्वास करो, जिन्होंने भी अपने जीवन में कोई बड़ा संकल्प लिया है उसे साकार करने के लिए प्रभु श्रीराम से सबक लो। जो अयोध्या का राजप्रासाद छोड़कर यानी मखमली मुलायम गलीचों को छोडकर जंगल की पथरीली गलियों में घूमे। वन गमन के चलते राम ने अपने अतीत को लेकर कभी शोक नहीं किया कि उन्हें पिता राजा दशरथ ने वनवास क्यों दिया। और न राम भविष्य को लेकर चिंतित रहे बल्कि उनका तो बस यही एक महासंकल्प - निषिचरहीन करह महि...अर्थात निसाचरों धरती को मुक्त करना ही राम का संकल्प है। निसाचर अर्थात मनुष्य के हृदय में बैठे काम, क्रोध, लोभ, मोह आदि विकार...जिन्हें मिटाकर अभय, धर्मगत और श्रेष्ठ मानव समाज की स्थापना ही राम संकल्प है। नव वर्ष में यही हम सबका संकल्प, ताकि एक-दूसरे को दी गई शुभकामनाएं सार्थक हो जाएं।
आया नव वर्ष लाया अनंत विकल्प चुनों कोई एक और लो महासंकल्प!