भोपाल. राज्य सरकार की जांच एजेंसी ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त में अब 2003 किसी भी प्रमोटी पुलिस अफसर पुलिस को पदस्थ नहीं किया जाएगा। इसके अखिल भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) के अफसर ही इन अफसरों पदों पर पदस्थ किए जाएंगे। एजेंसियों आयकर छापों के बाद कालेधन के लेन-देन में उलझे अफसरों के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। इसके लिए कैडर रिव्यू में इन एजेंसियों में आईपीएस के पद शामिल किए हैं। राज्य सरकार ने आईपीएस कैडर रिव्यू का प्रस्ताव केंद्रीय गृह मंत्रालय को भेज दिया है। सूत्रों के मुताबिक राज्य शासन ने कैडर रिव्यू में ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त संगठन के लिए एसपी की कैडर पोस्ट मांगी गई है। सूत्रों के मुताबिक कैडर रिव्यू में आईपीएस अधिकारियों की 39 नई पोस्ट मांगी गई हैं। अभी कैडर पोस्ट 166 हैं। पांच पोस्ट को सरेंडर भी किया गया है। इसमें स्पेशल डीजी पुलिस ट्रेनिंग मुख्यालय, आईजी होमगार्ड जबलपुर, आईजी पीटीआरआई, आईजी जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी स्तरीय मॉडल (जेएनपीए) सागर और आईजी आरएपीटीसी इंदौर शामिल हैं। ईओडब्ल्यू और लोकायुक्त में 2003 से पहले आईपीएस ही पुलिस अधीक्षक बनाए जाते थे। इसके बाद यह व्यवस्था बदली और राज्य पुलिस सेवा के प्रमोटी अफसरों को भी दोनों जांच एजेंसियों में एसपी बनाकर जिलों की कमान दी जा रही है। पिछली कमल नाथ सरकार ने भी इसे बरकरार रखा। आयकर छापों के बाद सामने आए सबूतों के बाद पुरानी व्यवस्था में वापस जाने की तैयारी है। छापों में सामने आए प्रमोटी एएसपी अरुण मिश्रा लंबे समय तक उज्जैन लोकायुक्त संगठन में एसपी और फिर ईओडब्ल्यू भोपाल संभागीय इकाई में एसपी रहे हैं।
कैडर रिव्यू में मांगे ये पद
कैडर रिव्यू में स्पेशल डीजी के पुलिस पत्रवार सर्विस व पुलिस अकादमी आईपीटी मौरी के लिए पद मांगे गए हैं। इनके अलावा एडीजी के आठ पद मांगे हैं। इनमें स्टेट सायबर कादम मुख्यालय भोपाल, आरएपीटीसी इंदौर, जेएनपीए सागर पीटीआई भोपाल, एंटी नक्सल ऑपरेशन, नारकोटिक्स शाखा, एसटीएफ और ट्रेनिग मुख्यालय भोपाल शामिल हैं। इसके अलावा स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी स्पिॉन्स फोर्स (एसडीईआरएफ) के लिए आईजी का एक पद मांगा है। इनके अलावा डीआईजी के आठपद मांगे हैं। इनमें एसएएफ पुलिस मुख्यालय, प्रोविजनिंग पीएचक्यू. विशेष महिला प्रकोष्ठ पुलिस चयन एवं मर्ती शाखा मुख्यालय, कार्मिक पीएचक्यू प्लानिंग और एंटी नक्सल ऑपरेशन शामिल हैं।
एसपी के 20 पद मांगे
प्रस्तान में पुलिस अधीक्षक के 20 पद मांगे है। इनमें नव गठित जिला निवाड़ी, कमाडेट 36वीं बटालियन एसएएफ मंडला, एसपी हेडक्वार्टर भोपाल व इंदौर, साइवर क्राइम में तीन एसपी, एसटीएफ में दो एसपी, लोकायुक्त में एसपी के चार पद (भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जाखलपुर), ईओडब्ल्यू में एसपी के चार पद (भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर), एटीएस में दो एसपी और पीटीएस उज्जैन में एसपी का एक पद रहेगा। उल्लेखनीय है कि आयकर छापों में फसे प्रमोट अधिकारी तथा ईओडब्ल्यू एसपी भोपाल रहे अरुण मिश्रा के लेन-देन में उनके नाम के आगे साढ़े सात करोड़ से अधिक राशि का जिक्र है।