कांग्रेस के आंदोलन पर भाजपा ने उठाए सवाल
सीएम ने भी बताया शक्ति प्रदर्शन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी इस प्रदर्शन को कांग्रेस की अंदरूनी खींचतान का परिणाम बताया है। सीएम ने कहा कि यह एक-दूसरे को अपनी ताकत दिखाने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। इन्हें किसानों से कोई मतलब नहीं है। केवल दिल्ली दरबार को दिखाने के लिए प्रदेश कांग्रेस के नेता सड़क पर उतरे थे। यह लोग तो राष्ट्रीय अध्यक्ष के सामने भी लड़ते-भिड़ते रहते हैं।
कांग्रेस के आंदोलनों से किसानों को नहीं पड़ता फर्क : वीडी
भाजपा प्रदेशाध्यक्ष विष्णुदत्त शर्मा का कहना है कि इस प्रदर्शन से साफ हो गया है कि प्रदेश का किसान कांग्रेस के साथ नहीं है और न ही प्रदेश के किसान मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए कृषि कानूनों के खिलाफ है। श्री शर्मा ने कांग्रेस के आंदोलन पर टिप्पणी करते हुए कहा कि कांग्रेस अपना अस्तित्व बचाने के लिए जूझ रही है। अपना अस्तित्व बचाने की जद्दोजहद में कांग्रेस पार्टी किसानों के नाम पर आंदोलन कर रही है, लेकिन देश के किसानों को कांग्रेस के इन आंदोलनों से कोई फर्क पडऩे वाला नहीं है। देश के किसान बता चुके हैं कि वे कृषि कानूनों के समर्थन में हैं और भाजपा के साथ खड़े हैं। यही वजह है कि पूरे प्रदर्शन में कांग्रेस के साथ उसके किसान नेता ही शामिल नहीं हुए। आम किसान तो दूर की बात हैं, बल्कि कांग्रेस ने पुलिस और प्रशासन पर पथराव कर किसानों को बदनाम करने का काम किया है। देश और प्रदेश का किसान कभी भी राष्ट्र की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का काम नहीं करता। किसानों के नाम पर किया गया यह उपद्रव कांग्रेस को काफी भारी पड़ेगा।
पत्थरबाजी घृणित सोच
भाजपा के प्रदेश मंत्री रजनीश अग्रवाल का कहना है कि कांग्रेस की यह पत्थरबाजी उसकी षड्यंत्रकारी घृणित सोच को उजागर करती है। कांग्रेस की मंशा प्रदेश का माहौल बिगाडऩे का है, किसानों के नाम पर किसानों को बदनाम करने का कृत्य घोर निंदनीय है। पुलिस और मीडिया अपना कार्य कर रहे थे पर कांग्रेस अराजकता व उपद्रत कर रही थी। भीड़ में शामिल अधिकांश कांग्रेसजनों को कृषि कानूनों के प्रावधानों की जानकारी भी नहीं होगी।