नई दिल्ली. गणतंत्र दिवस के मौके पर किसानों ने लाल किला और राजपथ पर पहुंच कर ट्रैक्टर रैली निकालने की योजना बनाई है। इस ट्रैक्टर रैली का नेतृत्व करने के लिए महिलाओं ने कमर कस ली है। महिलाएं किस तरह कमान संभालेंगी इसकी रिहर्सल भी उन्होंने शुरू कर दी है। टीकरी बॉर्डर पर डटे किसानों की मानें तो गणतंत्र दिवस की इस ट्रैक्टर परेड में शामिल होने के लिए हरियाणा के हजारों किसान तैयार हैं। टीकरी, सिंधू और गाजीपुर बॉर्डर पर पहले से हजारों ट्रैक्टर मौजूद हैं, लेकिन इस रैली में हजारों ट्रैक्टर और शामिल किए जाएंगे। हरियाणा के सभी जिला से दो से ढाई सौ महिलाएं इस ट्रैक्टर रैली का नेतृत्व करने के लिए ट्रेनिंग ले रही हैं। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) के पदाधिकारी रामराजी धुल ने बताया कि जींद से लगभग 260 महिलाएं ट्रैक्टर रैली का नेतृत्व करने के लिए ट्रेनिंग ले रही हैं। उन्होंने कहा कि ट्रैक्टर रैली में लाखों ट्रैक्टर शामिल होंगे।
बारिश-ठंड के बावजूद डटे किसान
कृषि कानून के मुद्दे पर किसानों और सरकार के बीच का डेडलॉक अभी खत्म नहीं हुआ है। बीते दिन विज्ञान भवन में हुई किसानों और सरकार के बीच की बातचीत बेनतीजा रही। अब एक बार फिर दोनों पक्ष 8 जनवरी को आमने-सामने होंगे। किसान तीनों कानून वापसी लेने की मांग पर अब भी अड़े हुए हैं। दिल्ली की कई सीमाओं समेत हरियाणा के कई जिलों में चल रहे किसान आंदोलन का 41वां दिन है। बीते 41 दिनों से किसान कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए ठंड, बारिश, कोहरे और शीतलहर का प्रकोप झेल कर भी डटे हुए हैं। पिछले करीब 41 दिनों से दिल्ली के सिंधू बॉर्डर पर बैठे किसान अब लंबे समय तक इस आंदोलन को चलाने का पूरा मन बना चुके हैं। किसानों ने सिंधू बॉर्डर पर सड़क के बीचो-बीच दीवारें बनाना शुरू कर दिया। जिसको लेकर उनका कहना है कि अगर सरकार ने उनकी मांगे नहीं मानी, तो वह यहां पर कमरे बनाकर अपने रहने और लंगर का पूरा इंतजाम भी कर लेंगे।