41 विधायक बीजेपी में आने को तैयार गिर जाएगी ममता सरकार : कैलाश



इंदौर. देशभर में हर्षोल्लास के साथ मकर संक्रांति का पर्व मनाया गया। त्योहार के इस मौके पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने भी धूमधाम से ये पर्व मनाया। इस दौरान उन्होंने पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के बयान पर पलटवार भी किया। लड़कियों की शादी की उम्र बढ़ाने पर बुधवार को पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा था कि जब लड़कियां 15 साल में प्रजनन लायक हो जाती हैं, तो शादी की उम्र 21 साल करने की क्या जरूरत है। उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि उनमें संस्कारों की कमी है। माता-पिता ने जैसे संस्कार दिए हैं, वे वैसा ही आचरण करेंगे। इसके साथ ही उन्होंने ये भी दावा किया कि पश्चिम बंगाल में टीएमसी के 41 विधायक उनके संपर्क में हैं। मकर संक्रांति के पर्व पर बीजेपी राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने त्योहार को पारंपरिक रूप से मनाते हुए पतंग उड़ाई। साथ ही उन्होंने क्रिकेट और गिग्ली डंडा भी खेला। इस दौरान उनके साथ कई बीजेपी कार्यकर्ता भी मौजूद रहे। कैलाश विजयवर्गीय ने पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा के विवादित बयान पर तंज कसते हुए कहा कि ऐसे विवादित बयान वही लोग देते हैं जिन्हें माता-पिता ने संस्कार नहीं दिए हैं। लिहाजा वे कृपा के पात्र हैं। ऐसे में उनकी कोई गलती नहीं है, क्योंकि उन्हें माता-पिता ही ऐसे मिले हैं। कैलाश विजयवर्गीय के मुताबिक अच्छे माता-पिता के बेटे अच्छे होते हैं बता दें, शिवराज सिंह चौहान ने लड़कियों की शादी २१ साल की उम्र में किए जाने की बात कही है। जिस पर पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा कि जब लड़कियां 15 साल में प्रजनन लायक हो जाती हैं, तो शादी की उम्र 21 साल करने की क्या जरूरत है। जब लडकियों की शादी की उम्र पहले से 18 साल तय है, तो इसमें बदलाव की क्या जरूरत है। कैलाश विजयवर्गीय ने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि टीएमसी के 41 विधायक बीजेपी में आना चाहते हैं। लेकिन विधायकों की छवि देख कर उन्हें बीजेपी में शामिल किया जाएगा। कैलाश विजयवर्गीय के मुताबिक ममता सरकार की पतंग अब जल्द ही कट सकती है। पश्चिम बंगाल में कभी-भी सरकार गिर सकती है। हालांकि, कैलाश विजयवर्गीय ने यह भी दावा किया कि भले ही नरेंद्र मोदी और बीजेपी की पतंग काफी ऊंचाई पर हो, लेकिन सावधानी रखना जरूरी है। किसान आंदोलन को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि किसान आंदोलन की वजह से देश में आने वाला निवेश रुक सकता है। लेकिन देश का विरोध नहीं होना चाहिए और कुछ किसानों को यह बात समझ नहीं आ रही है।