बिना सूचना के स्टेज पर आने वालों पर रहेगी सख्ती :
प्राय: ऐसा होता है कि मुख्यमंत्री जब किसी सरकारी आयोजन में हिस्सा लेते हैं तो बगैर सूचना के जनप्रतिनिधि, पार्टी कार्यकर्ता या अन्य लोग मंच पर पहुंच जाते है तो इससे मंच पर अनावश्यक भीड़ बढ़ जाती है और असहज स्थिति बन जाती है। इसे देखते हुए सामान्य प्रशासन विभाग ने यह सुनिश्चित कर दिया है कि मंच पर बगैर अनुमति और सूचना के कोई व्यक्ति नहीं जा पाएगा और न ही खड़ा हो पाएगा। सामान्य प्रशासन विभागा ने नए निर्देशों में इसे अस्वीकार्य बताया है। यह भी निर्देश दिए गए हैं कि कोविड काल में कोविड 1९ के तहत जारी किए गए दिशा-निर्देशों का इन आयोजनों के दौरान धन उल्लंघन न हो।
कर्मचारी संघों पर रहेगी खास नजर
जिलों में होने वाली मुख्यमंत्री की सभाओं के दौरान यह सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी कलेक्टर की रहेगी कि सभा स्थल पर किसी तरह की नारेबाजी की घटना नहीं होगी। इसके लिए सभा में उपस्थित लोगों पर तो नजर रखी ही जाएगी, लेकिन विशेष रूप से कर्मचारी संघों पर भी कड़ी निगाह रखी जाएगी कि वे अपनी मांगों को लेकर कोई नारेबाजी नहीं कर सकें। मुख्यमंत्री की सभा के दौरान माइक व्यवस्था भी बेहतर रखने के निर्देश कलेक्टरों को दिए गए हैं। यदि तहसील या ब्लॉक मुख्यालयों में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम होते हैं और यदि वहां बेहतर माइक और साउंड सिस्टम की व्यवस्था नहीं हो पाती तो फिर कलेक्टर जिला मुख्यालय से माइक आदि की व्यवस्था सुनिश्चित करेंगे।
मुख्यमंत्री को सीधे आवेदन देने का नहीं मिलेगा मौका
अब जो नई व्यवस्था निर्धारित की जा रही है, उस हिसाब से अब सामान्य लोग जो कि समस्या और शिकायत से जुड़े आवेदन लेकर पहुंचते हैं और मुख्यमंत्री से मिलकर उनके हाथों में सीधे आवेदन देना चाहते हैं, तो अब उनकी यह इच्छा पूरी नहीं हो सकेगी। अब ऐसे लोगों के आवेदन मुख्यमंत्री के आने से पहले ही ले लिए जाएंगे। यदि कोई प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री से मिलना चाहते हैं तो फिर उन्हें व्यवस्था के संबंध में पहले ही जानकारी देने की जिमेदारी प्रशासन की होगी। यह भी कलेटर तय करेंगे कि किस प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री मुलाकात करेंगे और किससे नहीं करेंगे। प्रतिनिधिमंडल को बारी-बारी से मिलाने की जिमेदारी कलेक्टर की होगी। यह भी कलेक्टर की जिमेदारी होगी कि मुख्यमंत्री के आगमन और प्रस्थान की सही व्यवस्था हो।
कार्यक्रम की गरिमा बनाए रखने की जिम्मेदारी कलेक्टर की
सामान्य प्रशासन विभाग ने जो नई व्यवस्था तय की है, उस हिसाब से जिलों में मुख्यमंत्री के कार्यक्रम के दौरान गरिमा बनाए रखने की जिमेदारी कलेक्टरों की होगी। अब जहां भी मुख्यमंत्री का दौरा होगा, वहां अनिवार्य रूप से हेलीपैड के बाहर टेंट और कुर्सियों का इंतजाम करना होगा, जिससे कि मुख्यमंत्री के स्वागत और मिलने के लिए आए जनप्रतिनिधि समान के साथ बैठ सकें। मुख्यमंत्री हेलीपैडसे निकलने के बाद सबसे पहले जनप्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। उसके बाद यदि गणमान्य नागरिक और पार्टी कार्यकर्ता उनसे मिलना चाहेंगे तो उसके लिए 10 मिनट का समय आरक्षित रखा जाएगा।