माता की तिरछी गर्दन कुछ पलों के लिए हो जाती है सीधी

देवी मां के चमत्कारों और उनकी महिमा से कौन अज्ञान है, सभी जानते हैं कि देवी दुर्गा के कई मंदिर हैं, जो बहुत ही चमत्कारी हैं। जहां व्यक्ति को आश्चर्य कर देने वाली चीजें होती है। जो कि आस्था को और भी ज्यादा गहरा कर देती हैं।



उन्हीं मंदिरों में से एक मंदिर मध्यप्रदेश के रायसेन जिले के गांव गुदावल में है। गुदावल गांव रायसेन से 30 किलोमीटर दूर है जहां मंदिर स्थापित है। यह देवी मां का ऐसा मंदिर है जहां अक्सर चमत्कार होते रहते हैं। माता की यह आकर्षक मूर्ति चमत्कारों के कारण देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर में प्रसिद्ध है। मंदिर की खास बात तो यह है की यहां विराजमान देवी मां की मूर्ति की गर्दन तिरछी है और वो अचानक सीधी हो जाती है। यह चमत्कार देखने के लिए बड़ी संख्या में भक्त इस स्थान पर पहुंचते हैं। यह भी कहा जाता है कि जो भक्त नवरात्र के दौरान माता की गर्दन को सीधा होते हुए देख लेता है उसके साभी बिगड़े काम बन जाते हैं। लेकिन यह तो सिर्फ सौभग्य वाले लोगों को ही प्राप्त होता है। रायसेन में स्थित यह मंदिर कंकाली मंदिर के नाम से प्रसिद्ध है और मंदिर में मां काली की मूर्ति स्थापित है। यह मां काली का प्रचीन मंदिर है, यहां मां काली की 20 भुजाओं वाली मूर्ति के साथ भगवान ब्रम्हा, विष्णु और महेश की प्रतिमाएं विराजमान हैं। वैसे तो यहां सालभर ही भक्तों की भीड़ लगती है, लेकिन नवरात्र में मंदिर में भक्तों का तांता लग जाता है। हरे-भरे जंगलों के बीच यह मंदिर आकर्षण का प्रमुख केंद्र है।
45 डिग्री तिरछी है माता की
मान्यता है कि नवरात्र के दिनों में माता की लगभग 45 डिग्री तिरछी गर्दन कुछ पलों के लिए सीधी हो जाती है, यह चमत्कार देखने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं। इसके अलावा लोगों का मानना है की देवी मंदिर से जुड़ी एक ओर मान्यता हैं। जिसके अनुसार जिन महिलाओं की गोद सूनी होती है, वह श्रद्धाभाव से यहां गोबर से उल्टे हाथ लगाती हैं और उनकी मनोकामना पूरी हो जाती है। मनोकामना पूरी होने पर हाथों के सीधे निशान बना दिए जाते हैं। यहां हाथों के हजारों निशान बने हुए हैं। नवरात्र में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं।